कॉटन न्यूज़; दिसंबर में कॉटन और सोयाबीन कितने के मिलेंगे….
खामगांव (जिला बुलढाणा): ‘रीमार्ट’ प्रोजेक्ट के मार्केट प्राइस एनालिसिस और रिस्क कंट्रोल सेल ने दिसंबर 2025 के लिए मुख्य खेती-बाड़ी की चीज़ों के संभावित दामों का अनुमान लगाया है। इस अनुमान के मुताबिक, कॉटन और सोयाबीन के दामों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है, जिससे किसानों के चेहरे खिल सकते हैं। हालांकि, मक्के की फसल के दामों में मार्केट में सप्लाई के आधार पर थोड़ा उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद है।
कॉटन और सोयाबीन: बढ़त का अनुमान
‘रीमार्ट’ प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2025 में कॉटन को 6577 से 7797 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन को 4475 से 4885 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिलने की संभावना है। कॉटन और सोयाबीन के भाव में बढ़त ग्लोबल डिमांड, घरेलू खपत और मौजूदा पॉजिटिव मार्केट सिचुएशन की वजह से है। कॉटनसीड-ऑयल मार्केट के मौजूदा हालात को देखते हुए, अगर इन रेट्स को ठीक से प्लान किया जाए तो किसानों को काफी फायदा हो सकता है।
मक्का, चना और अरहर: क्या है तस्वीर?
मक्का: हालांकि मार्केट में सप्लाई के आधार पर मक्के के भाव में उतार-चढ़ाव की उम्मीद है, लेकिन अनुमानित भाव 1810 से 1975 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहने की संभावना है।
चना: चने का अनुमानित भाव 5050 से 5450 रुपये प्रति क्विंटल है।
अरहर: अरहर की संभावित कीमत 7050 रुपये से 7770 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हो सकती है।
किसानों के लिए यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि फसल की क्वालिटी और लोकल डिमांड के आधार पर असली मार्केट प्राइस अलग-अलग हो सकता है।
एक्सपर्ट की राय और एनालिसिस प्रोसेस
एक्सपर्ट के अनुसार, मार्केट में मौजूदा डिमांड और सप्लाई, ग्लोबल पॉलिटिकल सिचुएशन और कॉटनसीड-ऑयल मार्केट में उतार-चढ़ाव इन कीमतों पर असर डाल रहे हैं। इस एग्रीकल्चरल कमोडिटी की कीमत का अनुमान लगाने के लिए, ‘रीमार्ट’ प्रोजेक्ट के रिस्क कंट्रोल सेल ने अलग-अलग फसलों की कीमतों की गहराई से स्टडी की है। इसके लिए रोज़ाना की कीमतें, ट्रेड ट्रांज़ैक्शन, स्टॉक की स्थिति, मौसम में बदलाव, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट फ्लो और फसल प्रोडक्शन और सप्लाई-डिमांड जैसे फैक्टर्स की डिटेल में स्टडी की गई है।
किसानों के लिए ज़रूरी मैसेज
यह मार्केट प्राइस एनालिसिस माननीय बालासाहेब ठाकरे एग्रीबिजनेस एंड रूरल ट्रांसफॉर्मेशन (SMART) प्रोजेक्ट के तहत किया जाता है ताकि किसानों को अपनी रोज़ाना की मार्केट कीमतों में उतार-चढ़ाव का सही अनुमान मिल सके और वे सही समय पर बेच सकें। इन अनुमानों का इस्तेमाल किसानों को अपनी बिक्री की सही प्लानिंग करने और यह तय करने के लिए करना चाहिए कि उन्हें अपना सामान कब स्टोर करके बेचना है। अगर वे सही समय पर और सही कीमत पर बेचते हैं, तो किसानों को अपनी मेहनत का अच्छा नतीजा मिल सकता है।