पती-पत्नी दोनों ले रहे थे किसान सम्मान निधि: 2400 मामले पकड़े, लाभ बंद; अब होगी वसूली
योजना के नियमों का उल्लंघन और बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) में बड़े पैमाने पर नियमों के उल्लंघन का खुलासा हुआ है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन इसमें पति और पत्नी दोनों के द्वारा एक साथ लाभ लेने के 2400 से अधिक मामले पकड़े गए हैं। योजना के स्पष्ट नियमों के अनुसार, एक परिवार (पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों) में केवल एक ही व्यक्ति इस सम्मान निधि का लाभ लेने का पात्र होता है। इस अनियमितता को देखते हुए 2400 से अधिक अपात्र लाभार्थियों की सूची जारी की गई है, जिसके बाद उनका लाभ तुरंत रोक दिया गया है।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया से उजागर हुआ घोटाला
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से इन मामलों का वेरिफिकेशन शुरू हुआ। कृषि विभाग की टीम ने घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन किया, जिससे कई लोग वेरिफिकेशन से पहले ही खुद को योजना से बाहर करवा चुके थे। पकड़े गए लोगों में ऐसे भी शामिल हैं जो आय से संबंधित शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, लेकिन उन्होंने गलत तरीके से सम्मान निधि प्राप्त की। वेरिफिकेशन के दौरान कृषि विभाग ने उन सभी अपात्र किसानों को चिन्हित किया है, जिनका नाम पीएम किसान पोर्टल की सूची में था।
रिकवरी की तैयारी और कृषि विभाग का रुख
कृषि विभाग ने इन अपात्र लाभार्थियों से वसूली (रिकवरी) की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। अब तक प्राप्त की गई संपूर्ण सम्मान निधि की राशि इन सभी 2400 से अधिक लोगों से वापस ली जाएगी। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आर.बी. अंबेडकर के अनुसार, वसूली की कार्रवाई सख्ती से की जाएगी, और 230 अन्य मामले अभी भी ‘अनट्रेस्ड’ हैं, जिनकी जांच जारी है। यह कदम योजना की पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
पीएम-किसान योजना के मुख्य नियम
यह घटना एक बार फिर पीएम-किसान योजना के पात्रता नियमों को रेखांकित करती है। योजना का लाभ लेने के लिए मुख्य पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं: परिवार में पति-पत्नी में से केवल एक व्यक्ति लाभ ले सकता है, कोई भी संवैधानिक पद पर कार्यरत व्यक्ति पात्र नहीं है, सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी (कुछ विशेष श्रेणियों को छोड़कर) पात्र नहीं हैं, और संस्थागत ज़मीनधारक भी इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं। इन नियमों की अनदेखी करने वालों पर विभाग की लगातार नजर है।
एक कड़ा संदेश और आगे की कार्रवाई
यह कार्रवाई न केवल योजना के दुरुपयोग को रोकती है, बल्कि उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश भी है जो सरकारी योजनाओं का लाभ गलत तरीके से उठाना चाहते हैं। पकड़े गए मामलों की संख्या (2400+) को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि विभाग अब योजना की पात्रता शर्तों को लेकर बेहद सख्त है। कृषि विभाग अब लंबित मामलों की जांच को और तेज़ कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सम्मान निधि का वास्तविक लाभ केवल योग्य और जरूरतमंद किसानों तक ही पहुंचे।